किसी व्यक्ति की नही व्यक्तित्व की पूजा करो।
चित्र की नही चरित्र की पूजा करो।
कर्म को अपना धर्म मानो।
राष्ट्रधर्म को सबसे ऊपर रखो।
जीवन को छोटे उद्देश्यों के लिए जीना जीवन का अपमान है।
कोई भी साधु वस्त्र से संत नहीं होता,
चरित्र से होता है।
असंभव को संभव बनाने के लिये
एक आदमी के पास असीमित क्षमता है।
अपने भीतर संकल्प की अग्नि हमेशा प्रज्वलित रखो।
इससे आपका जीवन हमेशा प्रकाशमान रहेगा।
Copyright 2024-25 Bhakti Darshan . All rights reserved - Design & Developed by BD