जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं ।।
जिनके मन में श्रीराम हैं
भाग्य में उसके बैकुंठ धाम है
उनके चव में जिसने जीवन बार दिया
संसार में उसका कल्याण है।
धागो से मोतीयो को तोडा नही करते,
धर्म से मुँह कभी मोड़ा नही करते,
बहुत कीमती है नाम श्री राम का,
जय श्री राम बोलना कभी छोड़ा नही करते ।।
चल रहा हूँ धूप में तो,
मेरे राम की मुझ पर छाया है।
शरण है तेरी सच्ची प्रभु,
बाकी तो सब मोह माया है।।
मन उदास ही ती एक काम किया करो,
जय श्री राम का नाम ले लिया करो !!
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