🎵काशी वाले देवघर वाले🎵
🙏 गायक: राम कुमार लक्खा
🎼 संगीत: कैलाश श्रीवास्तव
विवरण:
काशी वाले देवघर वाले एक शक्तिशाली भक्ति गीत है, जिसे राम कुमार लख्खा ने गाया है। इस भजन में भगवान शिव के अद्भुत रूप और उनके दिव्य खेलों का गान किया गया है। गीत में काशी और देवघर के भगवान शिव के रूपों का श्रद्धापूर्वक वर्णन है। शिव जी के भक्तों के लिए यह भजन एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें उनकी कृपा, आशीर्वाद और जीवन में सफलता के लिए प्रार्थना की जाती है। शिव शंकर के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति का अनुभव करें इस अद्भुत भक्ति गीत के माध्यम से।
गीत के बोल:
काशी वाले देवघर वाले, भोले डमरू धारी।
खेल तेरे हैं निराले, शिव शंकर त्रिपुरारी।
जयति जयति जय कशी वाले,
काशो वाले देवघर वाले।
खेल हैं तेरे नाथ निराले,
जय शम्भू जय जय शम्बू।
जो भी तेरा ध्यान धरे,
उसका सुर नर मौन करे।
जनम मरण से वो उभरे,
भोले चरण तुम्हारे जो धरले।
दया करो विष पीने वाले,
भक्त जानो के तुम रखवाले।
तुम बिन नैया कौन संभाले,
जय शम्भू जय जय शम्बू।
ऐसे हो औगड़दानी,
देते हो वार मन मानी।
भस्मासुर था अभिमानी,
भस्मसुर की शैतानी।
पार्वती बन विष्णु आए,
दगाबाज नो मज़ा चखाए।
भांग धतूरा आप ते खाए,
जय शम्भू जय जय शम्बू।
अपनी विपदा किसे सुनाएँ,
मन में इक आशा हैं लाए।
श्री चरणो की धुल मिले जो,
नैयन हमारे दर्शन पाएं।
आस हमारी पूरी करदो,
मेरी खाली झोली भरदो।
एक नज़र मुझ पे भी करदो,
जय शम्भू जय जय शम्बू।
जो भी आया तेरे द्वारे,
जागे उसके भाग्य सितारे।
मैं शरणागत शरण तिहारे,
बोले शरण तिहारे, शरण तिहारे।
करूँ नहीं कोई लाखों तारे,
‘शर्मा’ को मत भूलो स्वामी,
हे कैलाशी अन्तर्यामी।
ओम नमो शिव नमो नमामि,
जय शम्भू जय जय शम्बू।
कृष्णा हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता है। उन्हें विष्णु के आठवें अवतार के रूप में और अपने आप में सर्वोच्च भगवान के रूप में भी पूजा जाता है।
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