पुसर्ला वेंकट सिंधु एक विश्व वरीयता प्राप्त भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं तथा भारत की ओर से ओलम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक व कांस्य पदक जीतने वाली वे पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले वे भारत की नैशनल चैम्पियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चीन ऑपन का खिताब अपने नाम किया है। ओलिंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने BWF वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में शानदार जीत दर्ज कर पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया है। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय शटलर हैं। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को 21-7,21-7 से मात दी। 24 अगस्त 2019 को हुए सेमीफाइनल मैच में उन्होंने चीन की चेन युफ़ेई को 21-7, 21-14 से हराया। सिंधु ने सीधे सेटों में 39 मिनट के अंदर ही विपक्षी चीनी चुनौती को समाप्त कर दिया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु द्वारा चीन की हे बिंग को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया ।
सिंधु पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमण और पी. विजया के घर 5 जुलाई 1995 में पैदा हुई। रमण भी वालीबाल खेल में उल्लेखनीय कार्य हेतु वर्ष-2000 में भारत सरकार का प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उनके माता-पिता पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, किन्तु सिंधु ने 2001 के ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना करियर चुना और महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। सिंधु ने सबसे पहले सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंट
अंतरराष्ट्रीय सर्किट में, सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। उसके बाद उन्होने वर्ष-2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। वे इसी वर्ष मेक्सिको में आयोजित जूनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। 2010 के थॉमस और उबर कप के दौरान वे भारत की राष्ट्रीय टीम की सदस्य रही।
14 जून 2012 को, सिंधु इंडोनेशिया ओपन में जर्मनी के जुलियन शेंक से 21-14, 21-14 से हार गईं। 7 जुलाई 2012 को वे एशिया यूथ अंडर-19 चैम्पियनशिप के फाइनल में उन्होने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को 18-21, 21-17, 22-20 से हराया। उन्होने 2012 में चीन ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूर्नामेंट में लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन के ली जुएराऊ को 9-21, 21-16 से हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया। वे चीन के ग्वांग्झू में आयोजित 2013 के विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है। इसमें उन्होने ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया था। भारत की उभरती हुई इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 1 दिसम्बर 2013 को कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री गोल्ड का महिला सिंगल्स खिताब जीता है। शीर्ष वरीयता प्राप्त 18 वर्षीय सिंधु ने सिर्फ 37 मिनट चले खिताबी मुकाबले में मिशेल को सीधे गेम में 21-15, 21-15 से हराकर अपना दूसरा ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीता। उन्होंने इससे पहले मई में मलेशिया ओपनजीता था। सिंधु ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और कनाडा की सातवीं वरीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। पी. वी. सिंधु ने 2013 दिसम्बर में भारत की 78वीं सीनियर नैशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का महिला सिंगल खिताब जीता।
सिंधु ने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित किये गए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनीं। सेमी फाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में 21-19 और 21-10 से हराया। फाइनल में उनका मुकाबला विश्व की प्रथम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मैरिन से हुआ। पहली गेम 21-19 से सिंधु ने जीता लेकिन दूसरी गेम में मैरिन 21-12 से विजयी रही, जिसके कारण मैच तीसरी गेम तक चला। तीसरी गेम में उन्होंन {21-15} के स्कोर से मुकाबला किया किंतु अंत में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
गूगल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'महिला एकल बैडमिंटन के सेमीफाइनल में विश्व की नंबर छह खिलाड़ी नोज़ोमी ओकुहारा को हराने के बाद सिंधु सबसे अधिक खोजे जाने वाली भारतीय खिलाड़ी हैं। इसके बाद भारत के लिए पहला पदक जीतने वाली साक्षी मलिक का नंबर है।' 16 से 19 अगस्त 2016 में इंटरनेट पर सबसे अधिक ढूंढे जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों में किदांबी श्रीकांत (बैडमिंटन), दीपा कर्माकर (जिमनैस्टिक), सानिया मिर्जा (टेनिस), साइना नेहवाल (बैडमिंटन), विनेश फोगट (कुश्ती), ललिता बाबर (3000 मीटर स्टीपलचेज), विकास कृष्ण यादव (मुक्केबाजी) और नरसिंह पंचम यादव (कुश्ती) शामिल हैं।
प्रसंग | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 |
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![]() | राउंड 2 | |||
BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप | राउंड 3 | |||
![]() | योग्यता | सेमीफाइनल्स | ||
![]() | राउंड 2 | |||
![]() | सेमीफाइनल्स | राउंड 1 | क्वार्टरफाइनल्स | सेमीफाइनल्स |
![]() | राउंड 2 | |||
![]() | रजत पदक | |||
![]() | राउंड 2 | राउंड 2 | रजत पदक | |
![]() | स्वर्ण पदक | |||
BWF विश्व चैम्पियनशिप | कांस्य पदक | |||
मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप | स्वर्ण पदक | |||
![]() | विजेता |
भारत की स्टार बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया है। वे ओलिंपिक में लगातार 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। ओवरऑल सुशील कुमार के बाद वे भारत की दूसरी एथलीट हैं। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में चीन की जियाओ बिंग हे को केवल 52 मिनट में 21-13, 21-15 से हराया। सिंधु ने इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। सुशील ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। यह ओवरऑल ओलिंपिक बैडमिंटन में भारत को तीसरा मेडल है।
निम्नलिखित सूची में ओलिम्पिक व वैश्विक-स्तर के खिलाड़ियाें के अतिरिक्त कुछ अन्य खिलाड़ी भी सम्मिलित हैं।
क्र. सं. | साल | मुकाबला | फाइनल में विरोधी | स्कोर |
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1 | 2011 | इंडोनेशिया इंटरनेशनल | ![]() | 21-16, 21-11 |
2 | 2013 | मलेशिया मास्टर्स | ![]() | 21–17, 17–21, 21–19 |
3 | 2013 | मकाउ ओपन | ![]() | 21–15, 21–12 |
4 | 2014 | मकाउ ओपन | ![]() | 21–12, 21–17 |
5 | 2015 | मकाउ ओपन | ![]() | 21–9, 21-23, 21-14 |
6 | 2016 | मलेशिया मास्टर्स | ![]() | 21-15, 21-9 |
ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड
इंटरनेशनल चैलेंज
क्र. सं. | साल | मुकाबला | फाइनल में विरोधी | स्कोरScore |
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1 | 2011 | डच ओपन | ![]() | 16–21, 17–21 |
2 | 2012 | सईद मोदी इंटरनेशनल | ![]() | 15-21, 21-18, 18-21 |
3 | 2014 | सईद मोदी इंटरनेशनल | ![]() | 14-21, 17-21 |
4 | 2015 | डेनमार्क ओपन | ![]() | 19-21, 12-21 |
5 | 2016 | South Asian Games | ![]() | 11–21, 20–22 |
6 | 2016 | ओलम्पिक्स | ![]() | 21–19, 12–21, 15–21 |
सुपर सीरीज प्रीमियर
ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड
ग्रैंड प्रिक्स
2016 रियो समर ओलंपिक्स के लिए
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