डॉ संबित पात्रा एक भारतीय राजनेता एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ओएनजीसी के पूर्व स्वतंत्र निदेशक हैं। वे पेशे से शल्यचिकित्सक हैं। सन् 2006 में इन्होने एक 'स्वराज' नाम से एक एनजीओ स्थापित किया, जिसका उद्देश्य पिछड़े समुदाय जैसे दलितों, वंचितों को स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा और स्वछता में सहायता करना है। यह एनजीओ मुख्य रूप से डॉक्टरों, वकीलों और कुछ पुलिस अधिकारियों का समूह है।
डॉ संबित पात्रा पेशे से सर्जन है और इन्होने 2002 में एससीबी मेडिकल कोलेज कटक, उत्कल विश्वविद्यालय से जनरल सर्जरी में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) किया है। वह 2000 में संघ लोक सेवा आयोग संयुक्त चिकित्सा सेवा में योग्यता प्राप्त करके एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में हिंदू राव अस्पताल में कार्यभार ग्रहण किया। इन्होने 1997 में वीएसएस मेडिकल कोलेज बुर्ला संबलपुर विश्वविद्यालय से एम.बी.बी.एस किया है।
डॉ संबित पात्रा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में भाजपा की केंद्रीय समिति में ओडिशा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं एवं 2010 से अब तक भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं। डॉ संबित पात्रा को उनकी प्रभावी व्यक्तित्व कौशल और विचारों की स्पष्टता के लिए सराहना की जाती है। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान ये भाजपा दिल्ली के चेहरे के रूप में उभरे और इन्होने लोकसभा चुनावों पर राष्ट्रीय मिडिया द्वारा आयोजित वाद-विवाद में जनता का विचार बीजेपी के पक्ष में करने में एक निर्णायक भूमिका निभाया।
अधिक समय से, एक अथक एवं उत्साही सामजिक कार्यकर्ता है। और समाज के आम वर्गों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है। डॉ संबित पात्रा स्वराज नामक गैर सरकारी संगठन के संस्थापक हैं, जो पूरे भारत से कुछ डॉक्टरों और पुलिसकर्मीयों का समूह है, यह गैरसरकारी संगठन दलितों के उत्थापन के लिए कार्य करता है। इन्होने दिल्ली सरकार द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र में "चमार", "हरिजन" आदि, शब्दों को हटाने में केंद्रीय भूमिका निभायी थी।
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