ऋषि सुनक एक ब्रिटिश राजनेता हैं, जो अक्टूबर 2022 से यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में कार्यरत है। वह 2020 से 2022 तक राजकोष के चांसलर थे और 2019 से 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव। वह 2015 से रिचमंड (यॉर्क) के संसद सदस्य (सांसद) हैं।
ऋषि सुनक का जन्म एक अफ्रीकन पंजाबी हिंदू परिवार में इंग्लैंड के साउथैम्प्टन नामक शहर में हुआ था। इनके माता पिता भारतीय मूल के थे, जो पूर्व अफ्रीका में रहते थे। 90 के दशक में इनके माता-पिता पूर्व अफ्रीका से इंग्लैंड में आए थे। ऋषि ने अपनी पढ़ाई विनचेस्टर कॉलेज में की थी। इन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में पूरी की। इसके बाद फूलब्राइट प्रोग्राम के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त कर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से इन्होंने एमबीए की डिग्री प्राप्त की। स्टैनफोर्ड में पढ़ाई करने के दौरान इनकी मुलाक़ात इंफोसिस के फाउंडर और व्यापारी एन आर नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई थी।
सुनक ने विनचेस्टर कॉलेज में स्कूली शिक्षा हासिल की। उन्होंने लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में फर्स्ट के साथ स्नातक की। 2006 में उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे। उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया।
ऋषि सुनक ने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे में की सरकार के संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया। थेरेसा में के इस्तीफा देने के बाद, सनक ने बोरिस जॉनसन के कंजरवेटिव नेता बनने के अभियान का समर्थक किया. जॉनसन ने प्रधान मंत्री नियुक्त होने के बाद, सनक को ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया. चांसलर के रूप में, सुनक ने यूनाइटेड किंगडम में COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर सरकार की आर्थिक नीति पर प्रमुखता से काम किया।
5 जुलाई 2022 को अपने त्याग पत्र में जॉनसन के साथ अपनी आर्थिक नीति के मतभेदों का हवाला देते हुए सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया। सुनक का इस्तीफा, स्वास्थ्य सचिव जाविद के इस्तीफे के साथ, एक सरकारी संकट के बीच जॉनसन के इस्तीफे का कारण बना। |
ब्रिटेन के जिस पार्टीगेट स्कैंडल के कारण बोरिस जॉनसन की अधिक किरकिरी हुई थी। उसकी आंच सुनक पर भी पड़ी| सुनक पर भी पार्टीगेट स्कैंडल विषय में अर्थदण्ड लगाया गया था। उन्हें फिक्स्ड पेनल्टी नोटिस जारी किया गया था। इस पार्टी की तस्वीरें और कुछ ईमेल लीक होने के पश्चात मामला गरमा गया था। इस घटना के पश्चात सुनक की लोकप्रियता में गिरावट देखने को मिली थी।
क्यों विवादों में थीं ऋषि सुनक की भारतीय पत्नी, क्वीन एलिजाबेथ से भी ज्यादा थी संपत्ति ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति भारत के कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी हैं। उनका इन्फोसिस में शेयर है। ऐसे में केवल डिविडेंट से उनकी हर साल अरबों की कमाई होती है। लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। पहली बर जब सुनक चुनाव लड़ रहे थे तब से ही उनकी पत्नी की इनकम को लेकर विवाद हो रहा था। दरअसल सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति इन्फोसिस कंपनी के को फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। साल 2022 में उनको इन्फोसिस के शेयर से 126.61 करोड़ रुपये का लाभ मिला। कंपनी में उनका 0.93 पर्सेंट का शेयर है। मंगलवार को शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक अक्षता मूर्ति के शेयरों की कीमत 5,956 करोड़ रुपये है।
सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथैम्प्टन, हैम्पशायर, इंग्लैंड में पिता यशवीर और माता उषा सुनक के घर हुआ था। वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी पंजाब प्रांत, ब्रिटिश इंडिया में जैन वैश्य सर्राफ (स्वर्णकार) परिवार में पैदा हुए थे, स्थानीय शिल्पकारी बाजार की गिरती हालत की वजह से 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका तथा वहां से अपने बच्चों के साथ यूके चले गए थे। सुनक ने अगस्त 2009 में भारतीय अरबपति, इंफोसिस के संस्थापक, एन. आर. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से विवाह किया। वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए मिले और उनकी दो बेटियां हैं।
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